दुनिया के रंजोगम तक बदल गए फकत
उस चेहरे से अब भी उदासी नहीं जाती.
जज्बा -नवाजी का हुनर बदस्तूर जारी है
फाँकों में भी खाली कोई दिवाली नहीं जाती
पुस्तक समीक्षा “बलम संग कलकत्ता न जाइयों , चाहे जान चली जाये”- संदीप तोमर पुस्तक का नाम: बलम कलकत्ता लेखक: गीताश्री प्रकाशन वर्ष: ...
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