माँ
**************************************************
तुमको मैं खोना नहीं चाहता
खोकर रोना नहीं चाहता
माँ-बाप न हो तो बच्चें
कहलाते हैं अनाथ
तुम बिन मैं रहूँ कैसे
असमय अनाथ होना नहीं चाहता
तुम्हारी याद कितना सताएगी
पल पल आँखे भर आएँगी
सजा काटेंगी हर पल
और फिर थक जाएँगी
जब मैं सो जाऊंगा बिलखता हुआ
तो कौन तब लोरी सुनाएगी
बिन लोरी मैं सोना नहीं चाहता
भावनाओं को मैं डुबोना नहीं चाहता
तुमको मैं खोना नहीं चाहता
*****************************************************
"उमंग" संदीप
१४.०४.२००७
No comments:
Post a Comment